हमारा दृष्टिकोण:
हमारा सपना देश के ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा से वंचित बालिकाओं को शिक्षा के अधिकाधिक अवसर प्रदान करने में सहायक बनना है ताकि वे देश के विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें ,शिक्षा के द्वारा स्वयं में आत्मविश्वास का संचार कर भविष्य की प्रत्येक चुनौती का डटकर सामना करने में सक्षम बन सकें। हमारा विश्वास है कि, “शिक्षा का सूर्य कभी अस्त नहीं होता।”
हमारा सपना यही है कि यहां से ज्ञान प्राप्त कर हमारी विद्यार्थी बालिकाएं उस ज्ञान का उजाला चारों ओर फैला सकें और समाज से पिछड़ेपन और अज्ञान के अंधेरे को सदा के लिए दूर करने में सहायक बन सकें।
हमारे लक्ष्य:
हमारी संस्था का लक्ष्य बालिका शिक्षा को समग्र बनाने का है। शिक्षा का अर्थ हमारे लिए किताबी ज्ञान के अतिरिक्त जीवन मूल्यों के विकास और नैतिक उत्तरदायित्व के निर्वहन से भी जुड़ा है। विश्वव्यापी सोच और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का एक अद्वितीय संतुलन, वसुधैव कुटुंबकम के साथ देशभक्ति का सम्मिश्रण, आत्मनिर्भरता, आत्मसम्मान के साथ सभी के प्रति संवेदनशीलता व समानता के साथ सम्मान सिखाना ही हमारी प्रथम प्राथमिकता है। विद्यार्थियों में अनुशासन, परिश्रम ,दया, निष्ठा व विवेक जागृत करना हमारी शिक्षा का महत्वपूर्ण भाग है। देश को ऐसे परिपूर्ण नागरिक तैयार करके देना ही हमारा लक्ष्य है।
शिक्षा मूल्य:
ग्रामीण बालक बालिकाओं को शिक्षा देने के साथ-साथ उनमें परस्पर सम्मान ,सहयोग, व स्वावलंबन जैसे गुणों को विकसित करने के प्रति कटिबद्ध है। विश्वभर की प्रत्येक संस्कृति के प्रति सम्मानजनक दृष्टिकोण एवं सकारात्मक रवैया अपनाने की प्रेरणा हम उन्हें निरंतर देते हैं। मानवीयता की भावना व आशावादी सोच हमारे शिक्षा मूल्यों का अहम भाग रहा है और सदैव रहेगा ।
नवाचार:
पर्यावरण संतुलन के प्रति जागरुकता को लेकर हम संस्था परिसर में अतिरिक्त सतर्कता के पक्षधर हैं ।कम से कम कचरे का उत्पादन व कचरे का सही निस्तारण हमारी शिक्षा व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग है क्यों कि यह पृथ्वी एवम् पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए भविष्य की सबसे बड़ी आवश्यकता है। निजी स्वच्छता के साथ परिसर की स्वच्छता, पानी के दुरुपयोग पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता, संसाधनों के सदुपयोग जैसी बातों के महत्व की ओर हम बालिकाओं को जागृत करने पर बल देते हैं। वृक्ष लगाने और उनकी देखरेख में हम ऑक्सफ़ोर्ड की बालिकाओं को सम्मिलित करते है ताकि वे प्रकृति के महत्व को समझें और उस से जुड़ाव का अनुभव करें।